lyrics shiv chalisa Fundamentals Explained

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चित्रकूट के घाट-घाट पर, शबरी देखे बाट - भजन

शिव चालीसा का पाठ करने से आपके कार्य पूरे होते है और मनोवांछित वर प्राप्त होता हैं।

त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

अर्थ: हे भोलेनाथ आपको नमन है। जिसका ब्रह्मा आदि देवता भी भेद न जान सके, हे शिव आपकी जय हो। जो भी इस पाठ को मन लगाकर करेगा, शिव शम्भु उनकी रक्षा करेंगें, आपकी कृपा उन पर बरसेगी।

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे। कांधे मूंज जनेउ साजे।।

शिव भजन

और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।

अर्थ: हे प्रभू आपके समान दानी और कोई नहीं है, सेवक आपकी सदा read more से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि आप अनादि काल से विद्यमान हैं, आपके बारे में वर्णन नहीं किया जा सकता है, आप अकथ हैं। आपकी महिमा का गान करने में तो वेद भी समर्थ नहीं हैं।

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

शिवाष्टकम एक शक्तिशाली मंत्र है। ऐसा कहा जाता है कि शिवाष्टक का पाठ करने से आपको  जीवन में आने वाली बाधाओं का सामना करने के लिए साहस प्रदान करता है। यह स्तोत्र विश्व के सभी लोगों के बीच भी काफी  लोकप्रिय है जो “प्रभुं प्राणनाथंम् विभुं विश्वनाथंम्” से शुरू होता है।

जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥

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